Chrome Device Safety Check: नया सिक्योरिटी फीचर रोलआउट

Google Chrome का नया Device Safety Check सिस्टम की सुरक्षा, पासवर्ड रिस्क, एक्सटेंशन थ्रेट और ब्राउज़र प्रोटेक्शन की लाइव रिपोर्ट दिखाता है।
Chrome Device Safety Check: नया सिक्योरिटी फीचर रोलआउट
Chrome Device Safety Check: नया सिक्योरिटी फीचर रोलआउट

Google अक्सर छोटे सुरक्षा अपडेट जारी करता रहता है, लेकिन यह फीचर अलग तरह का है।

Chrome अब सिर्फ ब्राउज़र नहीं, बल्कि आपके सिस्टम की सुरक्षा स्थिति को भी समझने की कोशिश कर रहा है।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों में ब्राउज़र-बेस्ड हमलों में तेजी आई है—चाहे वह मालिशियस एक्सटेंशन हों या चोरी हुए पासवर्ड। इस अपडेट में उसी समस्या को ध्यान में रखा गया है।

नया फीचर क्या करता है?

संक्षेप में: Chrome अब आपके सिस्टम और ब्राउज़र की लाइव सुरक्षा रिपोर्ट देगा।

लेकिन रिपोर्ट जितनी सरल दिखती है, उसके पीछे उतनी ही जटिल जाँच चलती रहती है।

1) Password Risk Scan

Chrome आपके सेव किए गए पासवर्ड लीक डेटाबेस से मिलाकर बताता है कि कौन-सा पासवर्ड खतरे में है।

कई लोग इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन इसका असर काफी गहरा होता है—एक पासवर्ड कई अकाउंट खोल देता है।

2) Extension Threat Check

कौन-सा एक्सटेंशन संदिग्ध है, कौन-सा बिना ज़रूरत के एक्सेस ले रहा है—इसकी पूरी लिस्ट मिलती है।

इसी बिंदु पर पता चलता है कि कितने लोग अनजाने में जोखिम में होते हैं।

3) System-Level Security Status

यह हिस्सा नया है।

Chrome अब देखता है कि आपके सिस्टम पर सुरक्षा अपडेट पुराने तो नहीं, ब्राउज़र पैच लेट तो नहीं, या कोई जोखिम भरा मोड चालू तो नहीं।

4) Safe Browsing Auto Check

फेक वेबसाइट, मालवेयर लिंक या फ़िशिंग URL पर पहुँचने से पहले चेतावनी।

पहले Safe Browsing था, लेकिन अब यह फीचर उसकी जानकारी को और गहराई से दिखाता है।

भारत में इसका असर क्यों अधिक है?

भारत में बहुत बड़ी संख्या ऐसे लैपटॉप/PC यूज़र्स की है जो सिस्टम अपडेट को टालते रहते हैं।

और यही वह जगह है जहाँ यह फीचर अपने काम का पूरा असर दिखाता है।

Chrome पहले भी सिक्योरिटी टूल देता था, लेकिन इस बार रिपोर्ट इतनी साफ है कि आम यूज़र भी आसानी से समझ जाए कि खतरा कहाँ है।

कई साइबर-अटैक पुराने सॉफ़्टवेयर से ही होते हैं — और Chrome अब यही कमजोरी पकड़ने में मदद करता है।

इस अपडेट का रोलआउट स्टेटस

Google ने फीचर को स्थिर वर्ज़न में रिलीज़ करना शुरू कर दिया है।

कुछ को यह तुरंत दिख रहा है, कुछ को अगले अपडेट के साथ मिलेगा। Windows, macOS, Linux — सभी प्लेटफॉर्म पर यह फीचर आने वाला है।

यहीं एक छोटा-सा फर्क है: macOS पर सुरक्षा स्कैन थोड़े सीमित होंगे, क्योंकि सिस्टम परमिशन अलग तरह काम करते हैं।

इस फीचर के साथ यूज़र के लिए नया अनुभव क्या होगा?

पहले सुरक्षा फीचर्स छिपे रहते थे, अब वे एक तरह की “डैशबोर्ड” स्टाइल रिपोर्ट में सामने आएँगे।

Chrome ऐसे ही छोटे बदलावों से पहले एक सलाह देता है, फिर विकल्प खोलता है—और यह प्रवाह यूज़र-फ्रेंडली बन जाता है।

कई यूज़र्स रोज़मर्रा की ब्राउज़िंग में यह भूल जाते हैं कि कितने खतरे बैकग्राउंड में चलते रहते हैं।

यह फीचर उसी जागरूकता की तरफ धक्का देता है।

FAQ

Chrome का Device Safety Check फीचर कहाँ मिलता है?

Chrome Settings में "Privacy and Security" सेक्शन के अंदर नया सुरक्षा पैनल दिखने लगा है।

क्या यह सिस्टम को धीमा करेगा?

नहीं, स्कैन बैकग्राउंड में होते हैं और संसाधन कम लेते हैं।

क्या पासवर्ड स्कैन में Chrome मेरा डेटा Google को भेजता है?

Google कहता है कि यह “hashed comparison” तकनीक से होता है, यानी पासवर्ड सीधे साझा नहीं किए जाते।

क्या यह फीचर मोबाइल Chrome में भी आएगा?

अभी यह डेस्कटॉप-केंद्रित फीचर है, मोबाइल के लिए संकेत नहीं दिए गए हैं।

क्या यह फीचर एंटीवायरस की जगह ले सकता है?

नहीं, यह सुरक्षा लेयर बढ़ाता है—एंटीवायरस को रिप्लेस नहीं करता।

निष्कर्ष

यह अपडेट उतना साधारण नहीं है जितना सुनाई देता है।

Chrome अब सिर्फ ब्राउज़र सुरक्षा पर नहीं, बल्कि यूज़र की समग्र डिजिटल सेफ्टी पर नजर रख रहा है।

सुनने में छोटा बदलाव लगता है, लेकिन हर रोज़ ऑनलाइन रहने वाले यूज़र्स के लिए यह फीचर एक ऐसा टूल बन सकता है जो कई खतरे समय रहते पकड़ ले।

— The End —

About the author

Raushan Kumar
मेरा नाम Raushan Kumar है। xTechzi पर मैं टेक से जुड़ी आसान, रोज़मर्रा में काम आने वाली बातें और ज़रूरी टेक न्यूज़ अपडेट शेयर करता हूँ, ताकि टेक्नोलॉजी को समझना हर किसी के लिए थोड़ा आसान हो सके।

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